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    समुद्री ड्रोन: आधुनिक नौवहन और समुद्री अनुसंधान की नई दिशा | by Info India | Jun, 2025

    Team_AIBS NewsBy Team_AIBS NewsJune 5, 2025No Comments10 Mins Read
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    समुद्री ड्रोन, जिन्हें मानवरहित समुद्री वाहन भी कहा जाता है, आधुनिक समुद्री तकनीक का एक क्रांतिकारी आविष्कार है जो बिना मानवीय संचालक के पानी के अंदर और सतह पर संचालित हो सकते हैं। ये उपकरण दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित हैं: मानवरहित पानी के अंदर के वाहन (UUV) और मानवरहित सतही वाहन (USV), जो समुद्री अनुसंधान, रक्षा, पर्यावरणीय निगरानी, और व्यावसायिक अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं12। इन तकनीकों का विकास समुद्री उद्योग में दक्षता बढ़ाने, सुरक्षा में सुधार, और पर्यावरणीय संरक्षण के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है3।

    समुद्री ड्रोन की मुख्य श्रेणियां

    मानवरहित पानी के अंदर के वाहन (UUV)

    मानवरहित पानी के अंदर के वाहन को दो उप-श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: दूरस्थ संचालित पानी के अंदर के वाहन (ROUV) और स्वायत्त पानी के अंदर के वाहन (AUV)1। ROUV मानवीय संचालक द्वारा दूरस्थ नियंत्रित होते हैं और मुख्यतः शैक्षणिक या औद्योगिक मिशनों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन वाहनों में कैमरा, एक्चुएटर्स, सेंसर, और अक्सर एक ‘ग्रिपर’ या वस्तुओं को पकड़ने के लिए उपकरण शामिल होते हैं1। अमेरिकी नौसेना द्वारा विकसित पनडुब्बी बचाव डाइविंग रीकंप्रेशन सिस्टम (SRDRS) एक उदाहरण है जो 2000 फीट तक की गहराई में 16 लोगों तक को एक साथ बचा सकता है1।

    स्वायत्त पानी के अंदर के वाहन (AUV) ऐसे पानी के अंदर के वाहन हैं जो मानवीय संचालक के बिना संचालित हो सकते हैं1। इनका आकार कुछ किलोग्राम से हजारों किलोग्राम तक हो सकता है। पहला AUV 1957 में वाशिंगटन विश्वविद्यालय की एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी द्वारा आर्कटिक जल में अनुसंधान के उद्देश्य से बनाया गया था1। 2000 के दशक की शुरुआत तक, स्क्रू चालित AUV, पानी के अंदर ग्लाइडर, और बायोनिक AUV सहित 10 विभिन्न प्रकार के AUV विकसित किए गए थे1।

    मानवरहित सतही वाहन (USV)

    मानवरहित सतही वाहन (USV) ऐसे जल-वाहक पोत हैं जो बिना किसी मानवीय संचालक के पानी की सतह पर संचालित होने में सक्षम हैं2। मूल रूप से पहले से मानव-संचालित पोतों को रेडियो नियंत्रण के साथ संशोधित करके बनाए गए, अब विभिन्न उद्देश्य-निर्मित मानवरहित सतही वाहन उपलब्ध हैं। USV बुओं की तुलना में अधिक बहुमुखी हैं लेकिन पूर्ण मानव-संचालित पोतों की तुलना में कम लागत के हैं, जो उन्हें समुद्री अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए लोकप्रिय बनाता है2।

    निर्माण तकनीक और घटक

    तकनीकी संरचना और डिज़ाइन

    समुद्री ड्रोन के निर्माण में उन्नत इंजीनियरिंग और विशिष्ट सामग्रियों का उपयोग होता है। UUV के लिए, दबाव प्रतिरोधी हल का निर्माण महत्वपूर्ण है जो गहरे पानी के दबाव का सामना कर सके1। इन वाहनों में सेंसर, कैमरा, सोनार सिस्टम, और विभिन्न प्रकार के पेलोड शामिल होते हैं2। USV में सोनार, इमेजिंग सिस्टम, रडार, ISR सिस्टम, पर्यावरणीय सेंसर और डेटा लॉगर, हथियार पेलोड, या छोटे मानवरहित पानी के अंदर के वाहन (UUV) जैसे उपकरण शामिल हो सकते हैं2।

    चालन प्रणाली के रूप में, प्रारंभिक मॉडल में स्क्रू प्रोपेलर थ्रस्टर्स का उपयोग किया जाता था1। आधुनिक समुद्री ड्रोन में विभिन्न प्रकार के प्रणोदन सिस्टम का उपयोग होता है जो उनकी गति, मैन्यूवरेबिलिटी, और ऊर्जा दक्षता को बेहतर बनाते हैं। बैटरी तकनीक और ऊर्जा प्रबंधन सिस्टम भी इन वाहनों के महत्वपूर्ण घटक हैं जो उनकी परिचालन अवधि निर्धारित करते हैं।

    सेंसर और पेलोड एकीकरण

    समुद्री ड्रोन की प्रभावशीलता उनके सेंसर और पेलोड सिस्टम पर निर्भर करती है। चूंकि इनमें कोई चालक दल नहीं होता, एक मानवरहित या स्वायत्त सतही वाहन को समान आकार के मानव-संचालित पोत की तुलना में अधिक सेंसर और उपकरणों से सुसज्जित किया जा सकता है2। इस तकनीकी लाभ का उपयोग करते हुए, ये वाहन जटिल डेटा संग्रह, निगरानी, और विश्लेषण कार्यों को संपादित कर सकते हैं।

    परिचालन प्रक्रिया और नियंत्रण

    तैनाती और नियंत्रण विधियां

    मानवरहित सतही पोतों को तट से या बड़े जहाज के डेक से तैनात किया जा सकता है और इनका उपयोग छोटे UUV को तैनात करने के लिए भी किया जा सकता है2। USV को मानवीय संचालक द्वारा दूरस्थ नियंत्रित किया जा सकता है और इनमें स्वायत्त कार्यक्षमता भी हो सकती है। स्वायत्त सतही वाहन (ASV) को पूर्व-प्रोग्राम किए गए मार्गों और वेपॉइंट्स का बुद्धिमानी से पालन करने के लिए सेट किया जा सकता है2। कई USV पूर्ण स्वायत्तता, अर्ध-स्वायत्तता या मैनुअल नियंत्रण के बीच बदल सकते हैं2।

    मिशन योजना और क्रियान्वयन

    समुद्री ड्रोन के सफल संचालन के लिए विस्तृत मिशन योजना आवश्यक है। ROUVs को निगरानी और गश्त सहित कार्यों को करने के लिए संचालक द्वारा मैन्युअल रूप से नियंत्रित किया जाता है1। स्वायत्त वाहनों के लिए, मिशन पैरामीटर, वेपॉइंट्स, और आपातकालीन प्रोटोकॉल को पूर्व-निर्धारित किया जाता है। ये वाहन रियल-टाइम डेटा एकत्र करते हैं और पूर्व-निर्धारित एल्गोरिदम के आधार पर निर्णय लेते हैं।

    लक्ष्य प्राप्ति रणनीतियां

    सैन्य और रक्षा अनुप्रयोग

    समुद्री ड्रोन के सैन्य अनुप्रयोगों में सीमा और तटवर्ती क्षेत्र गश्त, माइन स्वीपिंग, पनडुब्बी शिकार, ISR, समुद्री लक्ष्य और आक्रामक क्षमताएं शामिल हैं2। ये वाहन समुद्री सुरक्षा बढ़ाने, समुद्री डकैती रोकथाम, और राष्ट्रीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। USV को एक स्वार्म के हिस्से के रूप में जोड़ा जा सकता है जहां व्यक्तिगत यान संचार या सेंसर नेटवर्क में एक नोड के रूप में कार्य करते हैं2।

    वाणिज्यिक और औद्योगिक उपयोग

    वाणिज्यिक क्षेत्रों में USV का उपयोग समुद्र विज्ञान और पर्यावरणीय विज्ञान, अन्वेषण और तेल और गैस उद्योग में किया जाता है2। इन अनुप्रयोगों में समुद्री अनुसंधान, पर्यावरणीय निगरानी, भूगर्भीय सर्वेक्षण, और समुद्री संसाधन अन्वेषण शामिल हैं। वैज्ञानिक सर्वेक्षण या नमूना संग्रह मिशनों को अधिक तेजी से पूरा करने के लिए इन्हें बल गुणक के रूप में उपयोग किया जा सकता है2।

    पर्यावरणीय और अनुसंधान लक्ष्य

    समुद्री ड्रोन पर्यावरणीय निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हवाई ड्रोन जहाजों और बंदरगाह क्षेत्रों के आसपास वायु और जल गुणवत्ता, उत्सर्जन, और समुद्री जीवन गतिविधि पर रियल-टाइम डेटा प्रदान करके पर्यावरणीय निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं3। यह पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने और स्थिरता प्रयासों का समर्थन करने में सहायक है3। सेंसर से लैस ड्रोन जहाज की निकास से उत्सर्जन को मापते हैं, IMO सल्फर कैप नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हैं और उन जहाजों की पहचान करते हैं जो अनुमतित उत्सर्जन सीमा से अधिक हैं3।

    वैश्विक उपलब्धता और विकास

    प्रमुख विकसित देश

    समुद्री ड्रोन तकनीक में संयुक्त राज्य अमेरिका अग्रणी है, जहां अमेरिकी नौसेना ने पनडुब्बी बचाव डाइविंग रीकंप्रेशन सिस्टम (SRDRS) जैसी उन्नत प्रणालियां विकसित की हैं1। वाशिंगटन विश्वविद्यालय की एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी द्वारा 1957 में पहले AUV का विकास इस क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व को दर्शाता है1। यूरोपीय देशों, विशेष रूप से नॉर्वे, यूनाइटेड किंगडम, और जर्मनी में भी समुद्री ड्रोन तकनीक का महत्वपूर्ण विकास हुआ है।

    एशियाई देशों में जापान, दक्षिण कोरिया, और चीन समुद्री ड्रोन तकनीक में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। इन देशों ने अपनी समुद्री सुरक्षा आवश्यकताओं और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए स्वदेशी समुद्री ड्रोन प्रणालियों का विकास किया है। भारत भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है और हिंद महासागर में अपनी समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए समुद्री ड्रोन तकनीक में निवेश कर रहा है।

    तकनीकी विकास और नवाचार केंद्र

    समुद्री ड्रोन तकनीक के विकास में विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, और निजी कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान है। वैश्विक स्तर पर कई कंपनियां USV निर्माताओं के रूप में काम कर रही हैं और नवीन समाधान विकसित कर रही हैं2। ये संगठन निरंतर तकनीकी नवाचार के माध्यम से समुद्री ड्रोन की क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं और नए अनुप्रयोग क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं।

    प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से, समुद्री ड्रोन तकनीक का व्यापक प्रसार हो रहा है। विकासशील देश भी इस तकनीक को अपनाने और अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसमें तकनीकी साझेदारी, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल हैं।

    निष्कर्ष

    समुद्री ड्रोन तकनीक आधुनिक समुद्री उद्योग की आधारशिला बनती जा रही है और भविष्य में इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने की संभावना है। मानवरहित पानी के अंदर के वाहन (UUV) और मानवरहित सतही वाहन (USV) दोनों ने समुद्री अनुसंधान, रक्षा, पर्यावरणीय निगरानी, और वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में क्रांतिकारी बदलाव लाया है123। इन तकनीकों का निरंतर विकास समुद्री सुरक्षा बढ़ाने, पर्यावरणीय संरक्षण में सुधार, और आर्थिक दक्षता में वृद्धि के नए अवसर प्रदान कर रहा है।

    वैश्विक स्तर पर समुद्री ड्रोन तकनीक का व्यापक अपनाना इस बात का प्रमाण है कि यह तकनीक भविष्य के समुद्री संचालन के लिए अपरिहार्य है। विकसित और विकासशील दोनों देशों में इस तकनीक की बढ़ती उपलब्धता और निरंतर नवाचार यह सुनिश्चित करते हैं कि समुद्री ड्रोन समुद्री उद्योग के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस तकनीकी विकास के साथ-साथ नियामक ढांचे, सुरक्षा मानकों, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता भी बढ़ रही है जो इस उभरते क्षेत्र के स्थायी विकास को सुनिश्चित करेगी।

    प्रमुख देश और उनकी स्थिति

    देश/क्षेत्रउपलब्धता और वर्तमान स्थितिसंयुक्त राज्य अमेरिकाअमेरिका समुद्री ड्रोन (विशेषकर अंडरवाटर ड्रोन) तकनीक में वैश्विक अग्रणी है। अमेरिकी नौसेना, रक्षा कंपनियां (Boeing, Lockheed Martin, Normal Dynamics) और रिसर्च संस्थान अत्याधुनिक ड्रोन विकसित कर रहे हैं। इनका उपयोग रक्षा, समुद्री अनुसंधान, पर्यावरण निगरानी और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहा है। अमेरिका के पास सबसे बड़ा और उन्नत अंडरवाटर ड्रोन बाजार है13।चीनचीन ने तेजी से घरेलू समुद्री ड्रोन तकनीक विकसित की है। सरकार समर्थित परियोजनाएं, समुद्री व्यापार, और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर के कारण चीन में अंडरवाटर ड्रोन का सैन्य और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है। चीन के Haidou-1 AUV ने 2021 में गहराई का विश्व रिकॉर्ड बनाया था14।जापानजापान समुद्री ड्रोन में अग्रणी है, खासकर तटीय निगरानी, आपदा प्रबंधन और समुद्री अनुसंधान में। जापानी कंपनियां और शोध संस्थान उच्च-प्रेसिजन, AI-सक्षम अंडरवाटर ड्रोन पर काम कर रहे हैं, जिनका उपयोग समुद्री जैव विविधता अध्ययन और इंफ्रास्ट्रक्चर निरीक्षण में होता है1।दक्षिण कोरियादक्षिण कोरिया में नौसैनिक आधुनिकीकरण और सरकारी निवेश के कारण समुद्री ड्रोन तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है। यहां की कंपनियां रक्षा और वाणिज्यिक दोनों उद्देश्यों के लिए अंडरवाटर ड्रोन विकसित कर रही हैं। साथ ही, AI आधारित अंडरवाटर रोबोटिक्स पर भी शोध हो रहा है15।भारतभारत ने हाल के वर्षों में समुद्री ड्रोन तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति की है। DRDO और निजी कंपनियां (जैसे Sagar Defence Engineering) स्वदेशी अंडरवाटर ड्रोन विकसित कर रही हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा और दुश्मन पनडुब्बियों की निगरानी है। भारतीय नौसेना अब इन तकनीकों को तैनात कर रही है25।जर्मनीजर्मनी ने रक्षा और वाणिज्यिक उपयोग के लिए उच्च-विशिष्ट अंडरवाटर ड्रोन विकसित किए हैं। यहां की कंपनियां और अनुसंधान संस्थान AI-ड्रिवन, मॉड्यूलर ड्रोन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनका उपयोग डीप-सी एक्सप्लोरेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर निरीक्षण और माइन काउंटरमेजर ऑपरेशंस में हो रहा है1।यूरोप (अन्य देश)यूरोप के कई देश (यूके, फ्रांस, नॉर्वे आदि) समुद्री ड्रोन तकनीक में निवेश कर रहे हैं, खासकर समुद्री निगरानी, रक्षा और अनुसंधान के लिए3।ऑस्ट्रेलियाऑस्ट्रेलिया में समुद्री ड्रोन का उपयोग खनन, तटीय निगरानी और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में हो रहा है5।ब्राज़ील, मैक्सिको, अर्जेंटीनालैटिन अमेरिका में ब्राज़ील सबसे आगे है, जहां कृषि और अमेज़न निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग हो रहा है। अन्य देशों में भी कृषि, खनन और कानून व्यवस्था में इनका प्रयोग बढ़ रहा है5।

    वैश्विक रुझान और विकास

    उत्तर अमेरिका और यूरोप वर्तमान में सबसे बड़े बाजार हैं, लेकिन एशिया-प्रशांत (विशेषकर चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत) सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज कर रहा है135।

    सैन्य, वैज्ञानिक अनुसंधान, पर्यावरण निगरानी, औद्योगिक निरीक्षण, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में इनका उपयोग लगातार बढ़ रहा है3।

    तकनीकी विकास में AI, ऑटोनॉमी, हाई-प्रिसिजन सेंसर, और हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसे रुझान प्रमुख हैं3।

    कई देशों में सरकारी नीतियों और निवेश से क्षेत्र को बल मिल रहा है, हालांकि कुछ जगहों पर डेटा सुरक्षा और नियामक चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं35।

    निष्कर्ष

    समुद्री ड्रोन तकनीक अब केवल विकसित देशों तक सीमित नहीं है; यह एशिया, यूरोप, अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में उपलब्ध है और तेजी से फैल रही है। रक्षा, विज्ञान, और वाणिज्यिक क्षेत्रों में इनकी मांग और उपयोगिता लगातार बढ़ रही है, जिससे यह तकनीक भविष्य में और भी व्यापक रूप से अपनाई जाएगी।



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