- हाल ही में अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा को इकट्ठा करके उसे microwave इके जरिए पृथ्वी पर भेजने की तकनीक में नई प्रगति की है। इस प्रयोग में, सूरज की रोशनी को अंतरिक्ष में सैटेलाइट के सोलर पैनल से बिजली में बदला जाता है और फिर इस बिजली को Microwave में बदलकर धरती पर भेजा जाता है, जहां एक विशेष एंटीना (रेक्टेना) इसे फिर से बिजली में परिवर्तित कर देता है।
JAXA का पूरा नाम है Japan Aerospace Exploration Company या जापानी अंतरिक्ष Investigation अभिकरण। यह जापान की राष्ट्रीय एयरोस्पेस और अंतरिक्ष एजेंसी है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, उपग्रह लॉन्च, चंद्रमा और क्षुद्रग्रह Investigation जैसे कार्य करती है।
JAXA का मुख्यालय जापान के चोफू शहर (टोक्यो में) में है और इसकी स्थापना 2003 में हुई थी।
JAXA ने हाल ही में चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाले “SLIM” मिशन को लॉन्च किया था, जिससे जापान चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पांचवाँ देश बना।
भारत (ISRO) के साथ JAXA चंद्रयान-5/लूपेक्स मिशन पर भी साथ काम कर रही है।
नई जानकारी और प्रगति:
- Ohisama परियोजना: जापान ने हाल ही में “Ohisama” नामक एक नई परियोजना शुरू की है, जिसमें 180 किलोग्राम वजन का सैटेलाइट 22 वर्ग फीट के सोलर पैनल के साथ अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह सैटेलाइट 400 किलोमीटर की ऊंचाई से लगभग 1 किलोवाट बिजली Microwave के रूप में पृथ्वी पर भेजेगा। यह एक परीक्षण मिशन है, जिसका उद्देश्य इस तकनीक की व्यावहारिकता को साबित करना है।
स्वच्छ और निरंतर ऊर्जा (clear and sustainable power):
- अंतरिक्ष में सोलर पैनल पृथ्वी पर स्थित पैनल की तुलना में अधिक कुशलता से काम करते हैं, क्योंकि वहां रात, मौसम या बादलों का असर नहीं होता। इस तरह, 24 घंटे ऊर्जा उत्पादन संभव है।
JAXA ने Microwave ऊर्जा ट्रांसमिशन के क्षेत्र में नई तकनीक विकसित की है जिसमें सूरज की रोशनी को अंतरिक्ष में स्थित सैटेलाइट के सोलर पैनल से बिजली में बदला जाता है। इस बिजली को फिर Microwave में परिवर्तित करके वायरलेस तरीके से पृथ्वी पर भेजा जाता है। यहां इस ऊर्जा को एक विशेष एंटीना (रेक्टेना) द्वारा प्राप्त किया जाता है और फिर से बिजली में बदला जाता है।
भविष्य की योजना ( future plan )
- JAXA का लक्ष्य 2030 के दशक तक इस तकनीक को व्यावहारिक रूप से उपयोग में लाना है। उनकी योजना है कि भविष्य में बड़े सोलर सैटेलाइट भू-स्थिर कक्षा (लगभग 35,000 किमी ऊपर) से Microwave बीम भेजेंगे, जिसे पृथ्वी पर स्थित 3 किलोमीटर त्रिज्या के रिसीवर द्वारा ग्रहण किया जा सकेगा और यह एक न्यूक्लियर रिएक्टर के बराबर (लगभग 1 गीगावाट) बिजली उत्पन्न कर सकता है।
- JAXA ने Microwave के जरिए अंतरिक्ष से पृथ्वी पर सौर ऊर्जा भेजने की तकनीक में नई सफलता हासिल की है। यह तकनीक स्वच्छ, निरंतर और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित हो सकती है।
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